Desh Bhakti Poem - लबों पर वन्दे मातरम्
लबों पर वन्दे मातरम्
दिल में हिंदुस्तान रख लेना
मिटा कर अपने अंदर की बुराई
ज़ेहन में एक अच्छा इंसान रख लेना
कभी ना मजहबों में बटना
आपस में प्रेम रखना
इंसान बनकर
इंसानियत का मान रख लेना
लबों पर वन्दे मातरम्
दिल में हिंदुस्तान रख लेना
ना मेरा गीता ना तेरा क़ुरान
बाईबल, गुरु ग्रंथ सब हो एक समान
तो सारे धर्मों का
बस एक भारतीय नाम रख लेना
लगा कर जान की बाजी
जो करते है सरहदों की निगरानी
अपनी दुवाओं में उन्हें भी
तुम अपने साथ रख लेना
लहू देकर अपना जिन्होंने
सीचा था वतन को
कभी भूलना मत उनको
अपने हृदय में उन्हें आबाद रख लेना
लबों पर वन्दे मातरम्
दिल में हिंदुस्तान रख लेना
कभी ना झुके
हिंद का हरदम ऊंचा तिरंगा हो
अपनी जान देकर
हिंद का स्वाभिमान रख लेना
लबों पर बंदे मातरम्
दिल में हिंदुस्तान रख लेना
जय हिन्द
By Rajesh Kumar Verma
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