Best Hindi Poems - हिंदी कविताएँ

1. Realistic Hindi Poetry -  कोई छुप छुप कर
                                                                                
Best Hindi Poems
                                                                            
चुराता है दौलत,
कोई छुप छुप कर!!

तो कहीं अंधियारी रातों में
जेब काटते है लोग!!
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कुछ लोग गरीबों की दौलत लूटकर 
रहते है शीशे के मकानों में,

तो कहीं कोट-पैंट पहनकर
गला काटते है लोग!!
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बेशर्म जमाना देखता है
उन्हे इज्जत भरी नजर से,

तो कहीं उन्हीं बेगैरतों की
आरती उतारते है लोग!!
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जो मेहनत से कमाता है
जों दो जून की रोटी,

उस गरीब को तो
जलालत भरी नजर से देखते है लोग!!
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अब तो इंसान पहचाना जाती है
बस लिबाजो,

सच्चा कौन झूठा कौन,
कहाँ देखते है लोग!!

2. Love Hindi Poem - तुम मेरी हो जाओ

तुम मेरी हो जाओ,
मैं तेरा हो जाऊं!!

तुम्हे लिख लू तुम्हे पढ़ लू,
तुम्हे खुद में समा लू मैं!!

तुम मुझमें इतना ढल जाओ,
तुम्हे अपने गीतों में गा लू मैं!!

तुम पुष्प बन खिल जाओ.
की मैं भौंरा सा मचल जाऊं!!

तुम मेरी हो जाओ,
की मैं तेरा हो जाऊं!!
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मैं खुद को तुझमें देखूं,
तुम ही तो मेरा दर्पण हो!!

मैं बादल सा गगन में छा जाऊं,
तुम ऋतु मस्तानी हो जाओ!!

तुम साथ दो बस मेरा,
मैं दुनिया से भी लड़ जाऊं!!

तुम मेरी हो जाओ,
की मैं तेरा हो जाऊं!!
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तुम चंदा की तरह खिलो गगन में,
मैं सूरज की तरह जब ढल जाऊं!!

अभी अलग अलग है हम दोनों,
आओ एक दूजे में समा जाए!!

तुम पानी सी हो जाओ,
मैं तुझमें पानी बन मिल जाऊं!!

तुम मेरी हो जाओ
की मैं तेरा हो जाऊं

3. Love Hindi Poem - हम सीख लेते बोलने का सलीका

हम सीख लेते बोलने का सलीका अपने बुजुर्गों से,
जो अपने लहजे को हमेशा नम रखते थे!!

हम चंद लोगो से रिश्तें नहीं निभा पाते,
वो अपने पूरे कुनबे को साथ रखने का दम रखते थे!!

अब तो अपने ही अपनों को ज़ख्म देते है,
वो तो गौरों के लिए भी मरहम रखते थे!!

आजकल हम ढूंढते है खुशियां बाजारों में,
पर वो तो गम में भी मुस्कुराने हुनर रखते थे!!

खत्म हो गई है इंसानियत सबके दिलो से,
लोग अपने घरों के दरवाज़े तो क्या खिड़कियां तक बंद रखते है!!

कोई राही उनके दर से प्यासा न जाए,
वो उस जमाने में भी घड़े में पानी भर के रखते थे!!

4. New Year Poem - ये तो वक्त है यारों

ये तो वक्त है यारों
किसी के रुकाने से कहाँ रुकता है

ये तो वक्त है यारों
किसी के झुकाने से कहाँ झुकता है
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वक्त के इसरो पर ही
जग में सुरज उदित होता है

वक्त के इसरो पर ही
गगन में चाँद-तारे खिलते है

वक्त के इसरो पर ही
हवा के झोकें चलते है

वक्त के इसरो पर ही
नदियों की धारा बहती

वक्त ही तो है
सबसे बलवान यहां

वक्त की मर्ज़ी के बिना
कोई काज कहाँ होता

ये तो वक्त है यारों
किसी के रुकाने से कहाँ रुकता है

ये तो वक्त है यारों
किसी के झुकाने से कहाँ झुकता है
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जिवन मे जब भी
अच्छा वक्त आता है

इंसान खुद को ही
काबिल बताता है

जिवन मे जब भी
बुरा दौर आता है

सारा दोष वक्त पर ही
मढ़ा जाता है

वक्त की भी तो अपनी
कुछ सीमाएं है

सबकी किस्मतो में
लिखी हुई बिधाए है

अच्छे वक्त में ही नहीं
बुरे वक्त में भी हमारी हिस्सेदारी है

वक्त का लिखा मिटा दे
ऐसी कहाँ मिल्कियत कहाँ हमारी है

सबको बस खुशियों का ही
संसार कहाँ मिलता है

ये तो वक्त है यारों
किसी के रुकाने से कहाँ रुकता है

ये तो वक्त है यारों
किसी के झुकाने से कहाँ झुकता है
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वक्त जा रहा है आज
बिता हुआ पल बनके

ये वक्त फिर आयेगा
आने वाला कल बनके

आने कल को
तुम पलकों पर बैठा लेना

भर के उड़ान
आसमा तक हक़ जमा लेना

बिना उड़ान भरे
आसमा कहाँ मिलता है

ये तो वक्त है यारों
किसी के रुकाने से कहाँ रुकता है

ये तो वक्त है यारों
किसी के झुकाने से कहाँ झुकता है
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आने वाले कल में
नया बरस भी आयेगा

सबके लिए खुशियां
आपर लायेगा

कल टूटे थे जों ख्वाब
उन ख़्वाबों को सजा लेना

प्यार से तुम सबको
अपने गले लगा लेना

सर झुकाकर तुम
सबकी दुआएं ले लेना

बिन सर झुकाएं
आशीष कहाँ मिलता है

ये तो वक्त है यारों
किसी के रुकाने से कहाँ रुकता है

ये तो वक्त है यारों
किसी के झुकाने से कहाँ झुकता है

By Rajesh Kumar Verma

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