Hindi Poem on Politicians - नेता मांगे बस ताज को

1. Best Hindi Poem on Politics

कहीं गोदामों में अन्न सड़ता है

Poem on politicians

कहीं गोदामों में अन्न सड़ता है
कोई तरस रहा अनाज को
गरीब भूख-प्यास से मरता
अन्नदाता जूझ रहा सम्मान को
नेता मांगे बस ताज को
नेता मांगे बस ताज को

कही टूटी नाव पर लोग चलते है
कही नवनिर्मित पुल बह जाता है
सड़को में गढ्ढ़ो का जाल बिछा है
लोग तरस रहे है राह को
नेता मांगे बस ताज को

मरीजों के आंखो में नमी है
अस्पतालो में व्यवस्थाओं की इतनी घोर कमी
कोई मांग रहा अच्छी शिक्षा
कोई मांग रहा रोजगार को
नेता मांगे बस ताज को

बहन बेटियों की जब अस्मत लुटती है
पुलिस अपराधियों के संग दिखती है
खुद का दामन दागदार ना हो
सरकारे छुपाने लगती है राज को
नेता मांगे बस ताज को

कहीं अवैध वसूली होती है
कहीं खूनों की होली होती है
कोई मांग रहा है सुख चैन
कोई भटक रहा है न्याय को
नेता मांगे बस ताज को  

2. Hindi Poem on Politics

पांच बरस बाद फिर नजर आने लगे नेता जी,
पर्चियां छपवा कर सबको अपना काम गिनवाने लगे नेता जी!!

कहने लगे,
अगर मैं जीत कर आया इस बार!!

तो गांव की दुर्दशा को मै ठीक करवाऊंगा
टूटी फूटी सड़कों को पक्का करवाऊंगा!!

हर बेरोजगार को मैं दिलवाऊंगा रोजगार
नया अस्पताल मैं बनवाऊंगा इस बार!!

नेता जी के वादों का बाढ़ आ गया है
लगता है फिर से चुनाव आ गया है!!

पहले जो नेता जी पहचाने नहीं थे
आजकल सबका ही पूछते है हाल चाल!!

पैदल ही नेता जी घूमते है घर मुहल्ले हर गांव
छोटे बड़े सबका ही छु लेते है पाव!!

नेता जी के स्वभाव में बदलाव आ गया है
लगता है फिर से चुनाव आ गया है!!

कुछ लोग घर घर जाकर सबको भरमाएंगे
नेता जी को भगवान सरीखा बताऐंगे!!

अब नेता जी के पास हर समस्या का समाधान आ गया है
लगता है फिर से चुनाव आ गया है!!

छोटे बड़ों में नेता जी फर्क बतलाएंगे 
धर्म के नाम पर हमको लड़वाएंगे!!

हर तरफ से नेता जी जीतने की जुगत लगाएंगे
किसी को पैसा तो किसी को दारू पिलाएंगे!!

फिज़ाओं में भी अब मजहबी रंग छा गया है
लगता है फिर से चुनाव आ गया है!!

वोटर इस बार भी छले जायेंगे
नेता जी वादे वादे ही राह जायेंगे!!

वोट मांग कर नेता जी चले जायेंगे
पांच बरस बाद ही फिर नजर आयेंगे!!

यही छलावा नेता हर बार लाता है
पांच बरस बाद जब चुनाव आता है!!

By Rajesh Kumar Verma

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