Sad Shayari - वक्त क्या रूठा हसीं सारे नज़ारे रूठ गये

Sad Shayari


वक्त क्या रूठा हसीं सारे नज़ारे रूठ गये,
जो गर्दिश में थे अब वो सितारे रूठ गये!!

 हाथ की लकीरें भी अब अकेले क्या करेंगी,
जो देते थे सहारे जब वो सहारे रूठ गये!!
                           
By Rajesh Kumar Verma

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